विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,उप्र
*पुरानी पेन्शन बहाली व निजीकरण का विरोध करने वाले दल का देश के 02 करोड़ बिजली कर्मी व उनके परिवार करेगें समर्थन:*
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ0प्र0 ने आज यह घोषणा की है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पुरानी पेन्शन बहाली व निजीकरण का विरोध करने वाले राजनीतिक दल का देश के 02 करोड़ बिजली कर्मी व उनके परिवार समर्थन करेगें। संघर्ष समिति ने भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से अपील की है कि लोक सभा चुनाव से पहले जारी किये जाने वाले अपने दलों के घोषणा पत्र में बिजली क्षेत्र और बिजली कर्मचारियों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण ज्वलंत विषयों को वे अपने घोषणापत्र में सम्मिलित करें। संघर्ष समिति की आज यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बिजली सेक्टर और बिजली कर्मचारियों के हितों से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों को जो दल अपने घोषणा पत्र में सम्मिलित करेंगें, बिजली कर्मी, ओर उनके परिवार जन आगामी लोक सभा चुनाव में उसी दल को वोट दंेगे।
उल्लेखनीय है कि बिजली के क्षेत्र में पूरे देश में लगभग 15 लाख नियमित कर्मचारी एवं 10 लाख संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं और लगभग 15 लाख पेन्शनर बिजली कर्मी हैं। इन सबके परिवार सहित लगभग 02 करोड़ बिजली कर्मी व उनके परिवार के लोग मतदाता हैं।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से सभी प्रमुख राजनैतिक दलों के राष्ट्रीय व प्रान्तीय अध्यक्षों को पत्र लिखकर यह अपील की गयी है कि उनकी मांगों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर चुनाव घोषणा पत्र में स्थान दिया जाये। संघर्ष समिति की ओर से उठाये गये मुख्य मुद्दों में पुरानी पेन्शन बहाली, बिजली निगमों का एकीकरण कर राज्य विद्युत परिषद निगम लि का गठन कर निजीकरण की नीति समाप्त करना और संविदा/ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर तेलंगाना सरकार की तरह सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित करना मुख्य विषय है।
संघर्ष समिति ने यह भी निर्णय किया है कि उक्त विषयक ज्ञापन सभी राजनैतिक दलों के राष्ट्रीय व प्रान्तीय अध्यक्षों को मिलकर दिया जायेगा।
संघर्ष समिति की हुई बैठक में शैलेन्द्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पाण्डेय, सदरूदद्ीन राना, सुहैल आबिद, विपिन प्रकाश वर्मा, राजेन्द्र घिल्डियाल, महेन्द्र राय, मो इलियास, करतार प्रसाद, अमित श्रीवास्तव, शशिकान्त श्रीवास्तव, परशुराम, पी एन राय, पूसे लाल, ए के श्रीवास्तव, के एस रावत, अमिताभ सिन्हा, सागर शर्मा, आर एस वर्मा, डीके मिश्रा, पवन श्रीवास्तव, शम्भू रत्न दीक्षित, कुलेन्द्र प्रताप सिंह, सहित काफी कर्मचारी व अभियन्ता उपस्थित रहे।