कृष्ण से जीवन भर कुछ न कुछ छूटता ही रहा
एक लेख -डॉ-सुरेश सिंह रघुवंशी
जितनी चीज़ें श्रीकृष्ण से छूटीं उतनी तो किसी से नहीं छूटीं.
भगवान श्रीकृष्ण से उनकी माँ छूटीं, पिता जी छूटें, फिर जो नंद जी-यशोदा जी मिले वे भी छूटें।
गोकुल छूटा, ग्वाल बाल छूटें। यमुना का तट छूटा, कदंब का पेड़ छूटा।
गैया छूटीं, वृंदावन का रास छूटा। बांसुरी छूटीं, राधा छूटीं। फिर मथुरा छूटी।
कृष्ण से जीवन भर कुछ न कुछ छूटता ही रहा। कृष्ण जीवन भर त्याग करते रहे। फिर भी उनके मुख पर सदैव मुस्कान दिखाई देती है।
और हमसे कुछ नहीं छूटता कुछ भी छूटने पर हम टूटने लगते है। हमें श्रीकृष्ण को गुरु बना लेना चाहिए। जो कृष्ण को समझ लेगा वह कभी अवसाद में नहीं जाएगा। कृष्ण आनंद के देवता है। कुछ छूटने पर भी कैसे खुश रहा जा सकता है, यह कृष्ण से अच्छा कोई सिखा ही नहीं सकता.