गाजर (Carrot)
गाजर प्रकृति की बहुत ही कीमती देन है जो शक्ति का भण्डार है। गाजर फल भी है और सब्जी भी तथा इसकी पैदावार पूरे भारतवर्ष में की जाती है। मूली की तरह गाजर भी जमीन के अन्दर पैदा होती है।
(डॉ सुरेश सिंह )
- गाजर के सेवन से शरीर मुलायम और सुन्दर बना रहता है तथा शरीर में शक्ति का संचार होता है और वजन भी बढ़ता है। बच्चों को गाजर का रस पिलाने से उनके दांत आसानी से निकलते हैं और दूध भी ठीक से पच जाता है। बवासीर, क्षयरोग पित्त आदि में गाजर का सेवन करना बहुत ही उपयोगी है। गाजर का रस दिमाग के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। गाजर के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है तथा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। इसके उपयोग से गुदा की जलन भी दूर हो जाती है।
विभिन्न में गाजर का उपयोग :
1. बांझपन: बांझ स्त्री को गाजर के बीजों की धूनी इस प्रकार दें कि उसका धुंआ रोगिणी की बच्चेदानी तक चला जाए। जलते हुए कोयले पर गाजर के बीज डालें। इससे धुंआ होने लगेगा। इसी धूनी को रोगिणी को दें तथा रोजाना उसे गाजर का रस पिलायें।
2. गर्भावस्था: गर्भावस्था में गाजर का रस पीते रहने से सैप्टिक रोग नहीं होता तथा शरीर में कैल्शियम की भी कमी नहीं रहती है। बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं को नियमित रूप से गाजर के रस का सेवन करना चाहिए। इससे उसके दूध की गुणवत्ता बढ़ती है।
3. दस्त:
गाजर का सेवन करने से पुराने दस्त, अपच और संग्रहणी रोग ठीक हो जाते हैं। गाजर का अचार बनाकर सेवन करने से बढ़ी हुई तिल्ली कम हो जाती है।
आधे कप गाजर के रस में थोड़ी-सा सेंधा नमक मिलाकर 1 दिन में लगभग 4 बार चाटने से दस्त ठीक हो जाता है।
4. यकृत रोग: यकृत के रोग से पीड़ित रोगी को गाजर का रस, गाजर का सूप या गाजर का गर्म काढ़ा सेवन कराने से लाभ मिलता है।
5. कैंसर: गाजर का रस पीने से कैंसर नष्ट हो जाता है। ल्यूकोमिया (ब्लड कैंसर) और पेट के कैंसर में यह अधिक लाभदायक होता है।
6. अम्लरक्त: अम्लरक्त के रोग में गाजर का रस पीने से लाभ मिलता है।
7. हृदय अधिक धड़कना: हृदय कमजोर होने पर रोजाना 2 बार गाजर का रस पीने से लाभ होता है। हृदय की धड़कन बढ़ना तथा शरीर का खून गाढ़ा होने पर गाजर का सेवन करने से लाभ मिलता है।
8. घी, तेल, चिकनी चीजों का न पचना: 300 मिलीलीटर गाजर का रस और 150 मिलीलीटर पालक का रस मिलाकर सेवन करने से घी, तेल और चिकनी चीजें पचने लगेगी।
9. बड़ी आंत की सूजन: बड़ी आंत में सूजन आ जाने पर रोग को ठीक करने के लिए 200 मिलीलीटर गाजर का रस, 150 मिलीलीटर चुकन्दर का रस और 150 मिलीलीटर खीरे का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलेगा।
10. नाक और गले के रोग: 250 मिलीलीटर गाजर और पालक का रस रोजाना पीने से नाक और गले के रोग ठीक हो जाते हैं।