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लखनऊ
खबर का असर
जिस पर प्रशासन ने तत्काल स्कूल की मरम्मत शुरू कर दी है
खंडहर में तब्दील विद्यालय का भवन, कार्यालय में चलती है बच्चों की कक्षाएं
इसे विभाग की लापरवाही कहे या फिर सरकार की अनदेखी विद्यालयों के जर्जर भवनों में बच्चे दहशत में शिक्षा लेने को मजबूर हैं। सरोजनी नगर प्रथम के जोन गौरी स्थित पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय में बच्चे वर्षों से अव्यवस्थाओं के आलम में शिक्षण कार्य ग्रहण कर रहे हैं । इस माध्यमिक विद्यालय में बने कक्ष जर्जर हालत में कक्ष दुरुस्त न होने के चलते यहां पढ़ने वाले बच्चों को विद्यालय के कार्यालय में ही पढ़ाया जा रहा है । कमरों में लगे दरवाजे दीमक चट कर गए हैं न दरवाजे हैं फर्श टूटी हुई छत का प्लास्टर उखड़ा हुआ, फर्नीचर की तो बात करना भी बेमानी है यहां विभाग द्वारा दिए गए वर्षों पूर्व फर्नीचर टूटे पड़े हैं। प्रधानाध्यापिका चंदा पांडे ने बताया कि विभाग को कई बार लिखित रूप में यहां की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पत्र दिए जा चुके हैं लेकिन किसी तरह का यहां कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है ।टूटे हुए फर्नीचर की जगह कुछ नया फर्नीचर उनके निजी प्रयास से बच्चों को बैठने के लिए किये गए हैं।गुणवत्तापरक शिक्षा और सुविधाओं के लिए सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है। इसके बावजूद विद्यालयों दयनीय हालात दुरुस्त नहीं हो पा रहे हैं विद्यालय में लगा सरकारी इंडिया टू मार्का हैंडपंप भी सही से पानी नहीं दे रहा है। जिसके चलते स्कूल में ही प्रधानाचार्य ने निजी खर्च करके बच्चों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था करते हुए आरो मशीन भी लगवाई है।लोगों ने बताया कि जबसे विद्यालय की बिल्डिंग बनी है तब से कभी मरम्मत नहीं हुई अब इसके हालत जर्जर हैं भविष्य में कभी भी ढह सकती है।
-स्कूल के शौचालय खंडहर
सरोजिनी नगर प्रथम का गौरी गांव ओडीएफ घोषित हो चुका है लेकिन यहां के पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय के शौचालय को देखकर यह आंकड़ा फर्जी नजर आता है। विद्यालय का शौचालय जीर्ण शीर्ण हालत में है। इसका दरवाजा भी टूटा हुआ है। इससे विद्यालय की छात्राओं को बहुत समस्या होती है। यहां हाल ही में तैनात हुई एबीएसए नीलम से बात नहीं हो पाई लेकिन पूर्व में तैनात एबीएसए अर्चना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विद्यालय की दयनीय हालातों के संबंध में बीएसए को लिखित रूप से शिकायती पत्र दिए जा चुके हैं बावजूद इसके इस और कोई सुधार नहीं किए जा रहे हैं।